बेस्टसेलिंग नोवलिस्ट ताहिर वज़ीर राइटर ब्लॉक से गुज़र रहा है। मीतू माथुर नई राइटर और ताहिर की बहुत बड़ी फ़ैन उससे मिलने में सफल होती है और ताहिर से गुरु बनने के लिए प्रार्थना करती है। क्या मीतू की राइटिंग का ताहिर पर प्रभाव पड़ा? पार्थ आचार्य, प्रसिद्ध एडफ़िल्म डाइरेक्टर मयंका कपूर को बतौर इंटर्न जॉइन करता है। क्या वह केवल उसे सहायता करने आया है या कुछ और?
ताहिर मीतू की कहानी और उसके दो घावों की कहानी को चुराकर नई नॉवेल लिखना शुरू करता है। लगता है मीतू ताहिर के प्यार में है, और ताहिर पर मीतू का का जुनून है शायद उसकी कहानी में मीतू एक पात्र के तौर पर है इसलिए। पार्थ ताहिर के लैपटॉप का क्लोन बनाता है, उसका पीछा करता है और सोशल मीडिया पर उसके साथ कहासुनी करता है। क्या शब्दों की यह लड़ाई 280 कैरेक्टर्स की सीमा को पार करती है?
पत्ते खुल चुके हैं! भाई और बहन एकसाथ हैं, लेकिन वे हासिल क्या करना चाहते हैं? लोकेश, उर्मिला, ताहिर, मीतू, नीमरणा पहुँचते हैं। संजय की मौत से कुछ और नाटक में इजाफा होता है। "वज़ीर इज़ डेड" ताहिर ने बेस्टसेलर के लिए उसकी कहानी चुराई है, ऐसा लिखकर धमाका कर देता है। ताहिर की बर्बादी शुरू होती है। नई खोज अनपेक्षित अरैस्ट की ओर बढ़ती है!
लोकेश को पूरा भरोसा है कि ताहिर वज़ीर से जुड़े सारे जवाब उसकी बेस्टसेलिंग बूक से मिलेंगे। पहाड़ों की यात्रा से उसे नई प्रेरणा मिलती है। मयंका ताहिर की शादी टूटने के कगार पर है। क्या डेबिट कार्ड का कांड आद्या की असली पहचान सामने लाएगा? क्या पहाड़ों की यात्रा से लोकेश और रानाडे की जोड़ी के सामने कुछ और राज़ आएँगे?
ताहिर पूरी तरह टूट चुका है। उसने परिवार, नाम, भरोसा, कॉन्ट्रेक्ट सब खो दिया। साहित्य के चोर को दुनिया ने ठुकरा दिया। उसकी टूटी हुई हालत में आद्या उसका अपहरण करती है, उसे अंत तक पहुँचाने के लिए। क्या वह उस असली प्लान जान पाता है? क्या लोकेश उस तबाही को नज़रअंदाज़ कर पाता है जो किसी को दिखाई नहीं दे रही है?